BPO Meaning in Hindi – BPO का फुल फॉर्म क्या है?

BPO का पूरा नाम होता है “बिज़नेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग”, यह एक व्यावसायिक सेवा है जिसमें किसी कंपनी या संगठन के व्यवसायिक कार्य को अन्य कंपनियों को आउटसोर्स किया जाता है.

BPO के माध्यम से विभिन्न कार्यों जैसे कि डेटा एंट्री, ग्राहक सेवा, बैक ऑफिस प्रोसेसिंग, फाइनेंसियल सेवाएं आदि को अन्य देशों में स्थित कंपनियों को आउटसोर्स किया जाता है। यह उन्हें अपने व्यवसायिक प्रक्रियाओं को सुधारने और कम लागत पर उन्हें प्रभावी रूप से प्रबंधित करने की संभावना प्रदान करता है।

बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग (BPO) एक व्यावसायिक सेवा है जिसमें किसी कंपनी या संगठन अपने कुछ कार्यों और प्रक्रियाओं को दूसरी कंपनियों या विदेशी उपकरणों को सौंपती है। इसमें डेटा एंट्री, कस्टमर सपोर्ट, लेखा प्रबंधन, मानव संसाधन प्रबंधन और अन्य कार्य शामिल हो सकते हैं.

BPO के माध्यम से, व्यवसायों को लागत कम करने, कार्य प्रभावी रूप से प्रबंधित करने और अपने कोर क्षेत्र में ध्यान केंद्रित करने की संभावना होती है। इसके जरिए, वे अपने व्यवसाय को मजबूत बनाने और स्थिरता बनाए रखने में मदद प्राप्त कर सकते हैं।

BPO कितने प्रकार के होते है?

बीपीओ के कई प्रकार होते हैं, जिन्हें निम्नलिखित बिंदुओं में समझाया जा सकता है:

  1. वार्षिक आधार पर समर्थन देने वाले BPO: इस प्रकार के बीपीओ मुख्य रूप से लेखा, मानव संसाधन, लोगिस्टिक्स, और अन्य सामान्य कार्यों का समर्थन प्रदान करते हैं।

  2. उत्पाद-आधारित BPO: यह बीपीओ उत्पादक कंपनियों को समर्थन प्रदान करते हैं, जैसे कि वाणिज्यिक प्रक्रियाओं का प्रबंधन, ग्राहक सेवा, और विपणन।

  3. कॉल सेंटर BPO: इस प्रकार के बीपीओ विभिन्न कंपनियों के लिए ग्राहक समर्थन सेवाएं प्रदान करते हैं, जैसे कि विपणन, ग्राहक सहायता, और आर्डर प्रोसेसिंग।

  4. आउटबाउंड BPO: इस प्रकार के बीपीओ में कॉल सेंटर एजेंट्स ग्राहकों को फोन करते हैं, जैसे कि सतर्कता, प्रचार, और निवेदन आदि।

  5. आउटसोर्सिंग BPO: इसमें विभिन्न व्यवसायिक कार्य अन्य उद्यमों या देशों में सौंपे जाते हैं ताकि कंपनी के वित्तीय और कार्यक्षमता को बढ़ावा मिले।

BPO Candidate की Responsibilities

 एक बीपीओ कैंडिडेट की जिम्मेदारियाँ उसकी भूमिका और कार्यक्षमता पर निर्भर करती हैं, लेकिन कुछ महत्वपूर्ण जिम्मेदारियाँ निम्नलिखित हो सकती हैं:
  1. ग्राहक संपर्क: उन्हें ग्राहकों से संपर्क करना और उनकी जांच करना होता है, ताकि उनकी समस्याओं और संदेशों को सुना और समय-समय पर समाधान किया जा सके।

  2. व्यवस्थापन का समर्थन: कैंडिडेट को विभिन्न प्रकार के कार्यों का समर्थन करना होता है, जैसे कि डेटा एंट्री, वित्तीय लेखा, या अन्य कार्यक्षमता संबंधित काम।

  3. दस्तावेज़ और रिकॉर्ड्स की संभालना: उन्हें दस्तावेज़ और रिकॉर्ड्स को संभालना और उन्हें सुरक्षित रखना होता है, ताकि उन्हें आवश्यकता के लिए उपलब्ध हो सके।

  4. टीम कार्य: उन्हें अपने टीम के सदस्यों के साथ मिलकर काम करना होता है और संगठन के उद्देश्यों को साझा करना होता है।

  5. समस्याओं का समाधान: वे समस्याओं को पहचानने और हल करने के लिए सक्षम होना चाहिए, चाहे वह तकनीकी हों या ग्राहक सेवा से संबंधित।

BPO Candidate की Skills:-

एक अच्छे BPO कैंडिडेट में कुछ महत्वपूर्ण कौशल्य होते हैं, जो उसे अपने काम को पूरा करने में मदद करते हैं। निम्नलिखित कौशल्य हमेशा महत्वपूर्ण होते हैं:

  1. संवेदनशीलता: बीपीओ कैंडिडेट को अच्छी संवेदनशीलता और धैर्य की आवश्यकता होती है ताकि वह ग्राहकों के साथ सही तरीके से संवाद स्थापित कर सके।

  2. भाषाई कौशल्य: एक अच्छे BPO कैंडिडेट को अच्छे भाषाई कौशल्य की आवश्यकता होती है, जैसे कि अंग्रेजी या अन्य भाषाएं, ताकि वह ग्राहकों के साथ सही ढंग से संवाद कर सके।

  3. समस्या समाधान कौशल्य: उन्हें समस्याओं को पहचानने और समाधान करने की क्षमता होनी चाहिए, चाहे वह तकनीकी हों या ग्राहक सेवा से संबंधित।

  4. समय प्रबंधन: एक अच्छे BPO कैंडिडेट को समय को सार्थक रूप से प्रबंधित करने की क्षमता होनी चाहिए, ताकि वह कार्य को समय पर पूरा कर सके।

  5. टीम कार्य क्षमता: उन्हें अच्छी टीम कार्य क्षमता की आवश्यकता होती है, ताकि वे अपने सहयोगियों के साथ मिलकर अच्छे संबंध बना सकें और संगठन के उद्देश्यों को साझा कर सकें।

 

BPO और कॉल सेंटर के बीच का अंतर:-

बीपीओ (BPO) और कॉल सेंटर दोनों ही कामकाजी व्यवसाय हैं, लेकिन उनमें कुछ अंतर हैं। निम्नलिखित बातों में यह अंतर विस्तार से स्पष्ट किया गया है:

  बीपीओ कॉल सेंटर
उद्देश्य: बीपीओ उस व्यावसायिक सेवा है जो विभिन्न क्षेत्रों में कार्य को आउटसोर्स करता है, जैसे डेटा प्रोसेसिंग, एआई, मार्केटिंग, आरएनडी, इत्यादि। कॉल सेंटर एक विशेष प्रकार की सेवा है जो ग्राहकों के संपर्क में आता है, सामान्य रूप से फोन कॉल के माध्यम से।
संपर्क का माध्यम: यह विभिन्न माध्यमों का उपयोग करता है, जैसे कॉल, ईमेल, चैट, वेब फॉर्म, और सोशल मीडिया। यह मुख्य रूप से कॉल के माध्यम से संपर्क करता है।
 
सेवाएं: यह विभिन्न व्यवसायों के लिए विभिन्न सेवाएं प्रदान करता है, जैसे डेटा एंट्री, बैकऑफिस प्रोसेसिंग, कस्टमर सपोर्ट, विपणन, आदि। यह मुख्य रूप से ग्राहक सेवा और समस्या समाधान के लिए होता है।
कार्य का स्तर: यह उच्च स्तर की व्यवसायिक सेवाएं प्रदान करता है और अक्सर गहरे विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है। यह साधारणत: मानक सेवा प्रदान करता है और उसमें विशेषज्ञता की आवश्यकता कम होती है।
 
वित्तीय पहलू: बीपीओ काम अक्सर बहुदृष्टिकोण से देखा जाता है और उसका निवेश बहुत अधिक हो सकता है। कॉल सेंटर साधारणत: लघु अंशकालिक कर्मियों पर आधारित होता है और इसमें निवेश कम होता है।
कौशल सेट: बीपीओ में काम करने वाले लोगों को अक्सर उच्च कौशल और शिक्षा की आवश्यकता होती है। कॉल सेंटर में काम करने वाले लोगों को उच्च कौशल की आवश्यकता नहीं होती है, हालांकि संचार कौशल महत्वपूर्ण होते हैं।

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